An Unbiased View of shiv chalisa lyrics in gujarati
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लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्तवास शिवपुर में पावे ॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
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बिद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि more info आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
बुधवार – आप दीर्घायु तथा सदैव निरोगी रहते हैं.
शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग वंदन।।
सङ्कट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।